Tuesday, 26 September 2023

पति-पत्नी को एक थाली में क्यों नहीं खाना चाहिए | पति-पत्नी को क्यों नहीं खाना चाहिए एक ही थाली में हो जाता है घर बर्बाद

 

नमस्कार दोस्तों आज की पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि पति-पत्नी को एक थाली में क्यों नहीं खाना चाहिए, Pati Patni ko Ak Thali Me Kyu Nhi Bhojan करना चाहिए। पति-पत्नी को एक थाली में खाना उचित है या अनुचित क्यों हिंदू धर्म में पति-पत्नी को एक ही थाली में खाना या शुभ माना जाता है। 


Pati patni ko ek thali Mein kyon nahin khana


कोई भी पत्नी अपने पति को अपना झूठा नहीं खिलाता थी लेकिन बदलते समय में आज या सब आम बात हो गया है। 


आजकल पति-पत्नी के बीच एक ही थाली में भोजन करने का प्रचलन आम हो गया है। जबकि पति-पत्नी का एक ही थाली में खाना वास्तु शास्त्र में अच्छा नहीं माना गया है इससे घर में कलह बढ़ने लगती है। 


आज के समय में परिवार के अंदर जीने का तौर तरीका बदल गया है अब संयुक्त परिवार की जगह एकल परिवार ने ली है। वहीं भोजन करने से जुड़े भी बदलाव भी शामिल है आजकल नई परिवारों में पति-पत्नी एक ही थाली में भोजन करते हैं पति पत्नी के रिश्ते के लिहाज से तो यह बात सही लग सकती है  कहा जाता है कि ऐसा करने से उनके बीच प्यार बढ़ेगा। लेकिन वास्तु शास्त्र से ठीक नहीं मानता है। इसके अलावा धर्मशास्त्र के ज्ञात भीष्म पितामह ने भी इसके बारे में महत्वपूर्ण बातें कही है। साथ ही महाभारत में भी इसके बारे में बताया गया है। 


आजकल आप अक्सर देखते होंगे कि पति पत्नी दोनों एक ही साथ एक ही थाली में खतना कहते हैं यहां तक की पत्नी अपना झूठा पति को खिला देती है जिसका बहुत बड़ा दोस्त लगता है। और पति को अपना झूठा खिलाने से क्या पाप लगता है और अपने जीवन में ऐसे व्यक्ति कभी भी खुश नहीं रह पाते हैं क्या पति-पत्नी को एक साथ खाना सही है। 


दोस्तों पति और पत्नी को एक साथ क्यों नहीं खाना चाहिए और यह सारी जानकारी आज हम इस आर्टिकल में के माध्यम से बताएंगे जिससे आपके मन में आए हुए सभी प्रश्नों का उत्तर मिल जाएगा तो चलिए शुरू करते हैं आज का इस आर्टिकल को लेकिन आप इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक जरूर पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके। 



पति पत्नी को एक थाली में क्यों नहीं खाना चाहिए?

पति-पत्नी को एक थाली मैं एक साथ खाना खाने से वास्तु दोष माना गया है। जिस कारण से पति-पत्नी को एक थाली में नहीं खाना चाहिए। 


पति-पत्नी को एक साथ में नहीं खाने का बहुत से कारण बताए गए हैं और खासकर हिंदू धर्म में पति को अपना झूठा नहीं खिलाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार भोजन के बारे में कई रहस्य बताए गए हैं यदि कोई भोजन को लग दे तो लगा हुआ भोजन खाने योग्य नहीं रह जाता है। 


भोजन करते समय थाली छोड़कर उठाना नहीं चाहिए पूरा भोजन करने के बाद ही उठाना चाहिए। और उन्हें शास्त्रों में पति और पत्नी को एक साथ में भोजन करने का अवगुन बताया गया है। 


  1. पति-पत्नी ना करें भोजन एक साथ एक थाली में बैठकर

भीष्म पितामह ने सुखी वैवाहिक आदर्श जीवन के बारे में बताया है कि अपने जीवन में व्यक्ति कई प्रकार के लोगों को बनता है परिवार के हर सदस्य के प्रति वह अपनी जिम्मेदारी बहुत अच्छे से निभाता है। क्योंकि वह जिम्मेदारी उसकी खुद की होती है। जिसको निभाना जरूरी है। यह घर परिवार में सभी को करना जरूरी है। 


यहां पर पति-पत्नी एक ही थाली में अगर भोजन करते हैं तो पति को अपनी पत्नी के प्रति प्यार सम्मान परिवार के और सदस्यों की तुलना में बढ़ जाता है। ऐसे में और दूसरे परिवार के सदस्य उसे अपेक्षा करने लगते हैं। घर में काला होना शुरू हो जाता है।  इस तरह की कई गलती परिवार के साथ-साथ अपनी खुद की खुशियों को भी पूरी तरह से बर्बाद कर देती है। 


  1. पत्नी को प्रेम पति पर हावी होता है

दोस्तों ऐसा माना जाता है कि यदि कोई पत्नी अपने पति के साथ एक थाली में खाना खाते हैं। जिनमें कुछ लोगों का मानना है की पत्नी को प्रेम पति पर हावी हो जाता है और घर में लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाता है क्योंकि पति अपने पत्नी को बस में हो जाता है। पत्नी जो कहे पति को सर झुका कर मारना पड़ता है। 


पति भले ही कोई एसपी, डीएसपी या किसी सरकारी अधिकारी कितना ही बड़ा ऑफिसर क्यों ना हो, लेकिन घर पर आने पर पत्नी की बात माननी पड़ती है क्योंकि वह हमेशा अपने पत्नी के एक साथ में ही थाली में भोजन करता है। 


जिस कारण से उसके ऊपर पत्नी का प्रेम हावी हो जाता है और वह अपने पत्नी से कुछ नहीं बोल पाता पत्नी द्वारा बोला गया शब्दों का आदेश मानता है और वह वही करता है जो उसकी पत्नी बोलती है। 


  1. खो जाती है सही गलत की पहचान

पति-पत्नी के बीच अत्यधिक प्रेम पति को पथभ्रष्ट के साथ-साथ उसकी बुद्धि को भी भ्रष्ट कर देता है। आदमी सही गलत को सोचने समझने की शक्ति को बढ़ता है। इसीलिए पति-पत्नी को एक साथ थाली में बैठकर भोजन नहीं करना चाहिए। अगर पूरा परिवार एक साथ बैठकर खाना खाता है इससे परिवार में परस्पर प्यार प्रेम सम्मान बढ़ता है। सभी में एक दूसरे के प्रति त्याग और संपन्न की भावना भी पैदा होती है। घर में पूरी तरह खुशहाल वातावरण बन जाता है सुख समृद्धि धन लक्ष्मी के साथ बना रहता है। 


  1. पति को भगवान का दर्जा दिया जाता है।

हिंदू धर्म में स्त्रियां पति को भगवान का दर्जा देती है पति को भगवान जैसा पूजा जाता है। 


करवा चौथ हरितालिका तीज वट सावित्री व्रत जैसी पूजा अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती है जिसमें पति का पूजा किया जाता है और पति को भगवान माना जाता है उसे अपना जूठन कभी नहीं खिलाया जाता है जिस कारण से भी पति और पत्नी को एक साथ एक थाली में भोजन नहीं करना चाहिए। 


पति को जूठन खिलाने का मतलब होता है भगवान को झूठा खिलाना है और जिस कारण से पति को झूठा खिलाने से पत्नी पाप की भागीदारी होती है। 


इसलिए अपने पति को कभी भी झूठ नहीं खिलाना चाहिए। और ना ही कभी पति-पत्नी को एक थाली में एक साथ भोजन करना चाहिए हां आदि पति को भोजन करने के बाद उसके थाली में कुछ शेष खाना बच जाता है। 


तो उसे प्रसाद के रूप में पत्नी को पति के थाली में बचे हुए भोजन का ग्रहण करना चाहिए, क्योंकि पति को भगवान का दर्जा दिया जाता है और फिर पति का थाली में खाने से पत्नी को कोई हानि नहीं होता है।


और भगवान का झूठा प्रसाद होता है जिस कारण से कोई भी सुहागन स्त्री अपने पति का झूठा प्रसाद समझकर ग्रहण कर सकती है। 


  1. खाने लायक नहीं होता है यह खाना

भीष्म पितामह में वर्णन किया है अगर कोई खाने की थाली को पार कर देता है तो वह भोजन भी दूषित माना जाता है इस तरह के भजन को जानवरों को खिला देना सही होता है अगर पड़ोसी गई थाली से ठोकर खा जाता है तो उसे भोजन को हाथ जोड़कर फेंक देना चाहिए क्योंकि इस भजन करना गरीबी दर्शाता है। जिस भजन में बाल खाने के साथ में आ जाते हैं। उस घर में धन खर्च की समस्या आती है। 


  1. घर में दरिद्रता का वास होता है

शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना गया है कि पति-पत्नी को एक थाली में एक साथ खाने से घर में गरीबी और दरिद्रता का वास होता है। 


लक्ष्मी उस घर से चली जाती है और वह हमेशा परेशान रहते हैं उसे व्यक्ति को धन की कमी होने लगती है। उसके घर से लक्ष्मी चली जाती है। वह बिल्कुल निधन हो जाता है शास्त्रों में पति-पत्नी के बारे में बहुत सा उल्लेख किया गया है। 


जिसमें बताया जाता है कि पति-पत्नी को एक साथ एक थाली में खाने से घर में दरिद्र आती है। और जिसका घर में दरिद्र का वास हो गया उसे घर की कोई भी लोग सुखी नहीं रह पाते हैं इसलिए कभी भी पति और पत्नी को एक साथ भोजन नहीं करना चाहिए। 


  1. छिन जाती है खुशियां 

भीष्म पितामह मैं आदर्श जीवन को लेकर कहा है कि जीवन में कई रिश्ते बनते हैं सभी के अपने परिवार के हर सदस्य को लेकर कुछ करते भी होते हैं। हर व्यक्ति को अपने ही कर्तव्यों का पालन करना चाहिए इसके लिए जरूरी है कि उसके सभी के साथ मधुर संबंध रहे। अधिक पति-पत्नी एक ही थाली में भोजन करेंगे तो पति को अपने परिवार का और सदस्यों की तुलना में पत्नी पर प्रेम ज्यादा बढ़ जाएगा ऐसे में बाकी सदस्यों के अनदेखी करने लगेगा, इससे घर में कल बढ़ने लगेगी एक छोटी सी गलती पर पूरी परिवार की खुशियां छीन जाएगी और घर बर्बाद हो जाएगा। 


  1. पारिवारिक सुख में कमी आती है

जी हां दोस्तों पति-पत्नी को एक साथ एक थाली में खाने से पारिवारिक सुख में कमी आती है घर में कालेश बढ़ती है। ऐसा बताया जाता है कि पति पत्नी को एक साथ एक थाली में खाने से पत्नी के अशुभ विचार पति के मन में जगह बना लेती है। 


जिस कारण से पति-पत्नी के बीच में प्यार की कमी आ जाती है और पति पत्नी के बीच में दूरी आने लगती है। क्योंकि जब किसी भी व्यक्ति के मां के अंदर किसी का भी अशोभ विचार आता है। तो उसके मानसिक के अंदर सोने की शक्ति कम हो जाती है और वह हर काम उल्टा करने लगती है जैसे छोटे-छोटे बातों को लेकर लड़ाई झगड़ा करने लगते हैं। 


जिस कारण से पति और पत्नी को एक साथ रहने पर ही एक दूसरे से सही ढंग से बात नहीं कर पाते हैं, और धीरे-धीरे पारिवारिक सुख में कमी आने लगती है इसीलिए कभी भी पति-पत्नी को एक साथ एक थाली में नहीं खाना चाहिए। 


  1. मन में नकारात्मक विचार आते हैं

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पति पत्नी को एक साथ एक थाली में खाने से उन दोनों के मन में नकारात्मक विचार आते हैं। शास्त्र के अनुसार ऐसा माना गया है कि यदि आप किसी के साथ भोजन ग्रहण करते हैं तो यदि उसके मन में कोई नकारात्मक विचार है तो वह आपके मन में भी आ जाएगा आने की एक साथ भोजन करने से विचार का आदान-प्रदान हो जाता है। 


लेकिन आजकल लोगों को मानना है कि पति-पत्नी को एक थाली में भोजन करने से आपसी प्रेम बढ़ता है। लेकिन शास्त्रों में इसे उचित नहीं बताया जाता हैं। यह अनुचित होता है हां यदि पति के द्वारा बचाएगा भजन पत्नी ग्रहण कर सकती है। 


पति का प्रेम बढ़ता है ना ही की पति पत्नी एक साथ भोजन करने से आप बस में प्रेम बढ़ता है आप बड़े बुजुर्ग हमेशा सुने होंगे कि अपने पति को कभी भी अपना झूठा नहीं खिलाना चाहिए। 


और एक साथ एक थाली में भोजन करने से आप तो पति को भी अपना झूठा खिला रही हो इस कारण कभी भी पति-पत्नी को एक साथ देखने में भोजन नहीं करना चाहिए। 


  1. परिवार पर बुरा असर पड़ता है

अभी आप पति-पत्नी एक थाली में एक साथ भोजन करते हैं और आप नहीं जानते कि पति पत्नी को एक थाली में क्यों नहीं खाना चाहिए तो आपके परिवार पर बुरा असर पड़ता है जब आपके परिवार में है आपके माता-पिता और आपके बच्चे हो, और उसके सामने मैं आप दोनों एक ही साथ में भोजन करेंगे। 


तो उनके मन में नकारात्मक विचार उत्पन्न होगा वह सोचेंगे कि यह कैसे लोग हैं जो कि अपने परिवार के सामने एक थाली में एक साथ भोजन कर रहे हैं ऐसा ज्यादातर गांव में देखने को मिलेगा आपको। 


गांव में कोई भी स्त्री अपने पति के साथ में एक साथ भोजन नहीं करती है क्योंकि गांव में सामाजिक परंपरा के अनुसार कोई भी महिला अपने पति के साथ भोजन करने से सोचती है। 


कि हमें पाप लगेगा क्योंकि हम अपने पति को अपना झूठा नहीं मिला सकते यह हमारे परंपरा के खिलाफ है उसे बचपन में ही उचित शिक्षा दी जाती है। जिस शिक्षा के आधार पर वह अपने पति को भगवान मानती है और भगवान को कभी भी अपना जूठन नहीं खिलाना चाहिए। 


और जब उसके परिवार उसके साथ में हो तो उसे ऐसे में शर्मिंदगी महसूस होता है। जब उसका पति भोजन कर लेते हैं उसके पश्चात ही भोजन करती है। 


  1. संस्कृति को बचाए रखने के लिए

हमारे संस्कृति को बचाए रखने में बुजुर्गों को काफी योगदान रहा है पूर्व समय में आप देखे होंगे या अपने दादा दादी से यह बात जरूर सुने होंगे कि जब भी किसी लड़की की शादी होती थी और वह ससुराल जाती थी, तब वह कई दिनों तक घूंघट में रहती थी क्योंकि शादी के बाद घूंघट में रहना संस्कृति माना जाता है। 


और यह अक्षर गांव में हुआ करता था जिसे लोग पूरी श्रद्धा के साथ निभाते थे और इस संस्कृति को बचाए रखने के लिए पति-पत्नी कभी भी एक साथ एक थाली में खाना नहीं खाते थे। जब पूरे घर के सदस्य खाना खा लेते थे उसके बाद ही घर की औरतें खाना खाती थी इस कारण से उसे समय लोग अपने परिवार में सुख और चयन की जिंदगी जीता था और एक दूसरे से मिलजुल कर रहते थे। 


FAQ - पति-पत्नी को एक साथ भोजन


Q. पति पत्नी एक साथ एक थाली में भोजन क्यों नहीं करते हैं?

Ans. क्योंकि आजकल के लोग को मानना है कि एक साथ भोजन करने से आपकी प्रेम बढ़ता है और बदलते समय के साथ आजकल यह आम बात हो गया है और आजकल के पतिया अपने पति से प्यार जापानी के लिए भी एक साथ एक खाली में भोजन करते हैं। 


Q. क्या पत्नी अपने पति का झूठा खा सकती है?

Ans. सुहागन स्त्रियां अपने पति को ईश्वर मानती है और ईश्वर का झूठा प्रसाद होता है इसलिए पति का जूठन भजन पत्नी को प्रसाद समझ कर ग्रहण करना चाहिए और पति को झूठा खाना से पति-पत्नी का प्यार हमेशा कायम रहता है और जीवन में पति-पत्नी दिखता है और भी गहरा हो जाता है। 


हिंदू धर्म के सभी स्त्रियों जो पवित्रता होती है वह अपने पति के द्वारा छोड़े गए भोजन को भगवान का प्रसाद मानती है और वह भगवान का प्रसाद ग्रहण करना किसी भी मनुष्य के लिए सफाई की बात होता है जिस कारण से कोई भी सुहागन स्थित अपने पति का झूठा भोजन खा सकती है। 


Q. पत्नि को भजन कब करना चाहिए?

Ans. पति के भोजन करने के बाद ही पत्नी को भोजन करना चाहिए जब जब उसका पति भोजन ग्रहण कर ले। और उसके परिवार के सभी सदस्य भी भोजन ग्रहण कर ले उसके बाद ही पत्नी क्यों भोजन करना चाहिए क्योंकि पत्नी को गृहिणी कहा जाता है। 


पूरे घर परिवार का दायित्व पत्नी के ऊपर होता है इसीलिए पत्नी को चाहिए कि जब उसके पूरा परिवार के सभी लोग भोजन कर ले उसके बाद ही पत्नी को भोजन करना चाहिए। 


Q. हमें किसके साथ में भोजन करना चाहिए?

Ans. आप अपने परिवार में अक्सर देखते होने की भाई-बहन माता-पिता के एक साथ बच्चे भोजन करते हैं अपने भाई के साथ भोजन करना चाहिए जिसमें भाई-भाई का प्रेम बढ़ता है। और परिवार में सुख सामग्री आती है आप अपने माता-पिता के साथ भोजन कर सकते हैं जिसे माता-पिता का स्नेह प्राप्त होता हैं। 


अभी आपके गुरु भोजन कर लिए हैं और उसके पश्चात इसकी थाली में कुछ शेष खाना बन जाता है तो आप उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं। क्योंकि गुरु को भगवान के रूप में माना जाता है। 


इसलिए गुरु द्वारा छोड़ा गया भोजन प्रसाद होता है जिससे ग्रहण करने से गुरु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और गुरु का छोड़ा हुआ भोजन ग्रहण करने से ज्ञान बढ़ता है। 


अंतिम शब्द 

आज हमने आपको बताया कि पति और पत्नी को एक साथ एक थाली में क्यों नहीं खाना चाहिए? Pati patni ko ek thali Mein kyon nahin khana chahie पति-पत्नी को एक साथ खाने से कौन सा पाप लगता है जिस कारण से पति और पत्नी के एक साथ भोजन नहीं करती है इसके बारे में हमने आपको यहां पूरी जानकारी दी है जिससे आप जान गए होंगे कि पति और पत्नी को एक साथ क्यों नहीं खाना चाहिए और इसके साथ हमने यह भी बताया है की पत्नी को भोजन कब करना चाहिए। 


उम्मीद करते हैं कि आपको जानकारी अच्छी लगी होगी ऐसे ही इंटरेस्टिंग जानकारी पाने के लिए आप हमारे ब्लॉक पोस्ट को सब्सक्राइब करें और इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। इस आर्टिकल से जुड़े अगर आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं हम जल्द ही आपसे संपर्क करने की कोशिश करेंगे। 

No comments:
Write comment