गणतंत्र दिवस पर भाषण:- प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। इस वर्ष 26 जनवरी 2024 को भी हम भारत का 74वां गणतंत्र दिवस के रूप में (73rd Republic Day) मनाया जाएगा। आज ही के दिन हमारे देश मैं हमारा खुद का संविधान लागू किया गया था और 26 जनवरी 1950 के दिन भारत प्रजातांत्रिक गणतंत्र देश बना था। हमारे देश में भारत में तीन राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं। 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) के रूप में मनाया जाता है। 15 अगस्त (स्वतंत्र दिवस ) के रूप में मनाया जाता है। 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) के रूप में मनाया जाता है। भारत के राष्ट्रीय पर्व है यह तीनों ऐसे पर्व है जो किसी जातीय समुदाय विशेष के ना होकर हर देशवासी के लिए समान महत्व रखते हैं हर भारतीय हर्ष और उल्लास के साथ इन राष्ट्रीय पर्वों को मनाता है ऐसे में या लेख विशेषकर गणतंत्र दिवस पर भाषण से संबंधित है।
हम सभी के लिए गणतंत्र दिवस केवल एक पर्व ही नहीं बल्कि गौरव और सम्मान का दिन भी है। साथ ही उन सभी महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग बलिदान और शौर्य का आज करने का दिन है। या दिन प्रत्येक भारतीयों का अभिमान है आज के दिन हर विद्यालय तथा विश्वविद्यालय में भाषण भी दिया जाता है दोस्तों अगर आप एक विद्यार्थी हैं अध्यापक हैं तो आपके लिए यहां पर आपके संबोधन के लिए एक बेहतरीन भाषण republic day speech in Hindi मैं लिखा हुआ है इसे आप अपने विद्यालय कॉलेज आदि में अपने भाषण के लिए उपयोग में ले सकते हैं तो आप हमारे लेख को पूरा पढ़ें।
26 जनवरी को सभी स्कूल कॉलेजों के लोग गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में भाषण देते हैं अगर आप भी एक अच्छा सा प्रभावशाली भाषण देना चाहते हैं तो हमारा यह भाषण आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा बहुत तारीफ करने लायक होगा।
1. Republic day speech in Hindi 2024
आज के इस विशेष शुभ दिन के लिए यहां उपस्थित सभी गणमान्य लोग को सुप्रभात (यहां पर अपना नाम) कक्षा….. का छात्र हूं। (अगर आप एक शिक्षक है तो शिक्षक हूं बोले इस स्कूल का) आज के इस विशेष अवसर पर हम सभी भारत का 74 वां गणतंत्र दिवस (73rd republic day) मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं।
सर्वप्रथम मैं आप सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं/ चाहती हूं कि आप सभी लोग ने मुझे इस शुभ दिन पर कुछ बोलने का मौका दिया कि मैं गणतंत्र दिवस पर आपके सामने अपने विचार अपने शब्द में कुछ कह सकूं आज का दिन उन देशभक्तों के त्याग, तपस्या, सौर्य, बलिदान की अमर कहानियों को आज करने का दिन है जिनके कारण हम गणतंत्र स्थापित कर सकें है।
शताब्दियों की परतंत्रता के उपरांत हमने 15 अगस्त 1947 को आजादी पाई देश के स्वतंत्र होने के ढाई वर्ष पश्चात 26 जनवरी 1950 को देश के कर्णधार ओने भारत के नवीन संविधान को लागू किया। तभी से भारत के सर्वोच्च शासक राष्ट्रपति काल आता है और 26 जनवरी 1950 से ही आज के दिन को हम सभी गणतंत्र दिवस के रुप में मनाते हैं। 26 जनवरी की तिथि को स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अपना महत्व है सन 1930 को रावी नदी के तट पर आओ कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में स्वर्गीय श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा की। 26 January 1930 को उन्होंने प्रतिज्ञा की कि "जब तक हम फुल स्वतंत्रा प्रार्थना कर लेंगे तब तक हमारा स्वतंत्र संग्राम आंदोलन चलता रहेगा और इसे प्राप्त करने के लिए हम अपने प्राणों की आहुति दे देंगे।"इसी कारण 26 जनवरी का दिन ही भारत का गणतंत्र की घोषणा के लिए चुना गया था। इसी दिन हम पूर्ण रूप से सवा दिन हो गए उस दिन लॉर्ड माउंटबेटन (गवर्नर जनरल) के स्थान पर डॉ राजेंद्र प्रसाद हमारे राष्ट्र के प्रथम राष्ट्रपति बने। आज भी यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है जिसे हम गणतंत्र दिवस कहते हैं।
भारतवर्ष में स्वराज के लिए हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने हमारे पूरे जीवन भर संघर्ष किया। उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान भी दिया ताकि आप उनकी आने वाली पीढ़ी उन्हें कोई संघर्ष ना करना पड़े और हम देश को आगे लेकर जा सके किंतु आज हम सभी यहां पर आकर खड़े हो गए यह बहुत ही शर्म की बात है कि आजादी के इतने 70 वर्षों के बाद भी हम अपराध भ्रष्टाचार और हिंसा जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं यहां सभी को भलीभांति मालूम है कि आज हमें फिर से एक बार साथ मिलकर अपने देश के इन बुराइयों को बाहर निकाल फेंकना है जैसे कि स्वतंत्रा सेनानी नेताओं ने अंग्रेजों को हमारे देश से बाहर निकाल फेंका था। हमें भारत को फिर से महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद, सरदार बल्लभ भाई पटेल, लाला लाजपत राय, लाल बहादुर शास्त्री सुभाष चंद्र बोस इन स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत बनाना होगा।
आओ मिलकर तिरंगा लहराए,
अपना गणतंत्र दिवस है आया झूमे नाचे खुशी मनाएं,
अपना 73वां गणतंत्र दिवस खुशी से मनाएं,
देश पर कुर्बान हुए शहीदों को श्रद्धा सुमन चढ़ाएं।
अंत में आप सभी को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं कि आपने मुझे आपके समक्ष गणतंत्र दिवस के इस पावन अवसर पर मुझे अपने बानी से कुछ शब्द रखने की अनुमति दी। एक बार फिर से आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं धन्यवाद
जय हिंद, जय भारत, वंदेमातरम, भारत माता की जय।
2. गणतंत्र दिवस पर भाषण/ गणतंत्र दिवस पर निबंध - भारतीय संविधान का निर्माण
"आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, स्वार्थी महोदय, उपस्थित सर्जन वृद्ध, गुरुजन वृद्ध, मेरे सफारी में भाइयों एवं बहनों! आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
जैसा कि पूर्व विधित है हम सभी यहां इस पावन तिरंगे झंडे के नीचे भारतीय गणतंत्र दिवस को महोत्सव मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह केवल एक पर्व नहीं बल्कि एक हमारे भारतवासी के लिए गर्व और सम्मान की बात है।
गणतंत्र दिवस का (history of republic day)
भारतीय संविधान के निर्माण के लिए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान प्रारूप समिति गठित की गई। 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन की कड़ी मेहनत के बाद प्रारूप समिति द्वारा 26 नवंबर 1949 को संविधान बना कर तैयार किया गया, इस दिन (26 November 1949) को भारतीय इतिहास में संविधान दिवस राष्ट्रीय कानून दिवस के रुप में मनाया जाता है और इसे संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद को सौंप दिया गया। यह दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जिसमें 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी। 26 नवंबर 1949 को संविधान द्वारा भारतीय संविधान को स्वीकार किया गया और इसे 26 जनवरी 1950 से लागू करने का निर्णय लिया गया। इसका कारण यह है कि भारत को आजादी मिलने से पहले 26 जनवरी 1930 को भारत को पूर्ण स्वराज्य घोषित कर दिया गया और इस दिन को स्वतंत्रा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी।
इसके बाद 15 August 1947 से पहले तक हर वर्ष 26 जनवरी को भारत स्वतंत्र दिवस मनाया जाने लगा देश को आजादी मिलने के बाद 26 जनवरी को आ स्मृति को याद रखने के लिए इसी दिन को भारतीय संविधान को लागू करने का फैसला लिया गया। या लिखित और निर्मित होने के साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है खास बात यह है कि इसमें विश्व के विभिन्न देशों के संविधान की अच्छी बातों को जगह दी गई है संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से ली गई है तो मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से और मौलिक कर्तव्य पूर्ण सर्वहित संघ से है राज्य के नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड से है तो संशोधन प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका के संविधान से है। वैशाख माता अधिकारी के अवस्था भारतीय संविधान में की गई है। सविधान देश के एकत्रित और स्वतंत्रता न्याय प्रणाली की व्यवस्था करता है ऐसी बहुत ही खूब या है जिनको नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भारतीय संविधान में जगह दी गई है हमारा संविधान अपने आप संपूर्ण है। इसके बावजूद भारतीय गणतंत्र के समक्ष बहुत सी चुनौतियां है जो इतना समय बीत जाने के बाद भी जस के तस हमारे सामने खड़ी है।
1.भ्रष्टाचार-देश में आजादी के बाद से ही भ्रष्टाचार लगातार बढ़ रहा है स्थिति बेहद निराशाजनक होती जा रही है जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। अधिकांश नेता, मंत्री, सरकारी अफसर, कर्मचारी जिनके पास जिम्मेदारियां है वे इनका ईमानदारी से निर्वाह नहीं कर रहे हैं। हर कोई गलत तरीके से पैसे कमाने के लालायित हैं। जनता की सेवा से जुड़े राजनीति के क्षेत्र में अपराधियों और भ्रष्ट लोगों का जमावड़ा है। अपराधियों और भ्रष्ट नेताओं से देना देश और समाज को कभी भला हुआ है और ना ही कभी होगा
2. सांप्रदायिकता -भारतीय संविधान में देश को धर्मनिरपेक्ष रखा गया ताकि देश केशव नागरिक सम्मान हो किसी के साथ भेदभाव ना हो, लेकिन राजनीतिक दलों ने इस के ताने-बाने को उधर कर रख दिया। ताकि राजनीतिक दल सत्ता के लालच पर समाज और धर्म और जातियों में बांटने की नीति चलाते हैं जिसके चलते विभिन्न धर्मों और जातियों के बीच मनमुटाव बढ़ रहा है जो देश को एकता को अखंडता के लिए खतरा है जातिवाद अपना अपना देख रहे हैं सब कोई चाहते हैं कि अपना जात का राजनेता बने।
3. खराब स्वास्थ्य सेवा -तेजी और अपने पर्स आरती करो ना महामारी के कारण लाखों लोग असमय काल के गाल में समा गए, रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसा विषयों की सरकार द्वारा अनदेखी का नतीजा यह है कि मरीजों के लिए अस्पताल में बेड तक नहीं है। ऑक्सीजन की कमी के चलते कितने लोग दम तोड़ रहे थे। लोगों को समुचित इलाज तक नहीं मिल पा रहा था। स्वास्थ्य ढांचा चरमरा गया था। लोकतंत्र की आत्मा जनता रामभरोसे थे।
4. बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा, आतंकवाद, नक्सलवाद, राजनीति का अपराधीकरण, निर्माण क्षेत्र में अनदेखी, किसानों को फसल का उचित मूल्य मिलना आदि जैसे बहुत सी समस्याएं हैं जो हमारे आसपास नजर आ जाएगी। समस्याओं का समाधान करने की दिशा में शासन प्रशासन तंत्र नाकाम रहा। हम हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर भाषण सुनने को मिलते हैं उनमें देश की समस्याओं का जिक्र होता है और गौर करेंगे तो पता चलेगा कि यह समस्याएं आज की नहीं है यह तो कई दशक से हमारे देश में मौजूद है और हमारे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले भाषणों निबंधों में इनका जिक्र होता रहा है पर समाधान अब तक नहीं हो सका। नेता मंत्री अफसरों के द्वारा गणतंत्र दिवस पर भाषण दिए जाते हैं पर जब देश समाज और जनता के कल्याण के लिए काम करने की बात आती है तो सब नाकाम नजर आते हैं आलम यह है कि एक कई वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद जब सरकारें बदलती है तो पता चलता है कि देश प्रदेश समाज पंचायत का विकास तो नहीं हुआ पर उनके प्रतिनिधियों की संपत्ति में जरूर कई गुना वृद्धि हो चुकी है। देश की समस्याओं को दूर करने के लिए वर्तमान व्यवस्था में व्यापक बदलाव की जरूरी है। भ्रष्टाचार लगभग हर समस्याओं की एकमात्र जड़ है इसको अगर खत्म कर दिया जाए तो धीरे-धीरे बाकी सभी समस्या कम होने लगेगी। देश की राजनीतिक व्यवस्था में भी सुधार की भारी जरूरत है इसके लिए राजनीतिक दलों की अपनी कार्यशैली बदलनी होगी और कर्मठ और ईमानदार लोगों को राजनीतिक में आगे बढ़ना होगा। लोकतंत्र के सभी अस्तंभा विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को अपनी भूमिका को अच्छे से निर्वहन करना होगा।
इसके अलावा चौथा स्तंभ माने जाने वाले प्रेस को भी अपनी भूमिका ईमानदारी से निभाने होगी। हर आदमी लोकतंत्र का हिस्सा है और सबको अपनी भूमिका का निर्वहन अच्छे से करना होगा तभी भारतीय लोकतंत्र सच्चे अर्थों में सफल हो पाएंगे वरना स्वतंत्रा दिवस और गणतंत्र दिवस में दिए जाने वाले भाषण इससे जुड़े मुद्दे उठाएंगे और इसके बाद फिर वर्षभर लोकतंत्र में जनता पिसती रहेगी और रखवाले सोते रहेंगे। ऐसी स्थिति ना आ जाए इसलिए आइए हम सब आज यह प्रण लें कि संविधान के रूप में आचरण करेंगे और देश के लिए लोकतंत्र को मजबूत बनाएंगे इसके बाद मैं अपनी वाणी को इतना ही शब्द में विराम देता हूं अगर इसमें कुछ गलती हो तो हमें माफ करें। जय हिंद जय भारत के नारे के साथ गणतंत्र दिवस के भाषण को समाप्त करें।
26 January speech in Hindi FAQs
Q.भारत का गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?
A.भारत हर साल 26 जनवरी को अपना गणतंत्र दिवस मनाया जाता है इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था तब से हम इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मना रहे हैं।
Q.गणतंत्र दिवस को अंग्रेजी में क्या बोलते हैं?
A.इसे रिपब्लिक डे का जाता है। Republic day in celebrated every year on 26 January in India with great gaity and pomp. the constitution aap India came into force on the same day in 1950.the constitution of India was adopted by constituent assembly of India on 26 January 1949 and took 26 January 1950.
Q.भारत में गणतंत्र दिवस का भाषण कौन देता है?
Answer. भारत में राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस का भाषण देते हैं।
Q. गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रतियोगी परीक्षाओं में संविधान से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न कौन से हैं?
A. संविधान की विशेषताओं से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। ऐसे ही कुछ प्रश्न और उनके उत्तर भी पर लेख में देखे जा सकते हैं।
Q. भारतीय संविधान के मुख्य बातें क्या है?
A. नहीं बढ़ाया या लिखित और निर्मित होने के साथ ही दुनिया दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है इसमें विश्व के विभिन्न देशों के संविधान के अच्छी बातों की जगह दी गई है संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से ली गई है जो माल मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से और मौलिक करते हुए पूर्व सोवियत संघ से राज्य के नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड से और संशोधन प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका के संविधान से। वैशाख माता अधिकार की व्यवस्था भारतीय संविधान में की गई है संविधान देश के अतिरिक्त और स्वतंत्र अन्य प्रणाली की व्यवस्था करता है ऐसी बहुत सी खूबियां हैं जिनको नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भारतीय संविधान में जगह दी गई है यह अपने आप में संपूर्ण है।
Q. गणतंत्र दिवस पर भाषण कैसे तैयार करें?
A. ऊपर लेख में दी गई जानकारी के मदद से आप स्वतंत्रा दिवस पर भाषण के तैयार किया जा सकता है।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रतियोगी परीक्षाओं मैं संविधान से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (frequently asked question related to constitution)
1. संविधान सभा के अस्थाई अध्यक्ष कौन थे?
-डॉ.सच्चिदानंद सिन्हा
2. संविधान सभा के अस्थाई अध्यक्ष कौन थे?
-डॉ.राजेंद्र प्रसाद
3. मूल भारतीय संविधान में कितने अनुच्छेद और अनुसूचित थी?
-395 अनुच्छेद और 8 अनुसूची
4. अभिव्यक्ति और स्वतंत्रा का अधिकार किस अनुच्छेद में है?
-अनुच्छेद 19
5. मौलिक अधिकारों की एक किस ऐसे में की गई है?
अनुच्छेद 12- 35तक
6. राज्यसभा को सभापति कौन करता है?
उपराष्ट्रपति
7. भारतीय संविधान को कब अपनाया गया?
26 नवंबर 1949
8. भारतीय संविधान में कितने समय में बनकर तैयार हुआ?
2 वर्ष 11 माह 18 दिन
9. किस संशोधन के बाद संपत्ति का अधिकार कानूनी अधिकार बन गया?
44 वे
10. किस अनुच्छेद में राष्ट्रपति का महाभियोग लगाने की प्रक्रिया की जानकारी दी गई है?
अनुच्छेद 61
निष्कर्ष: -
तो दोस्तों जैसा कि आज के इस लेख में हम आपको बताएं कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के भाषण हिंदी में तो दोस्तों आशा करता हूं कि आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा इस आर्टिकल से जुड़े कुछ भी समस्या है।तो आप है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। और इस तरह का आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारे blog पर बने रहें। Thank you
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